सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
O Lord! I beseech Your support and seel your divine blessing at this really minute. Save and protect me. Destroy my enemies with all your Trishul. Launch me with the torture of evil thoughts.
Whosoever presents incense, prasad and performs arti to Lord Shiva, with appreciate and devotion, enjoys materials joy and spiritual bliss in this globe and hereafter ascends to your abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva taken off the struggling of all and grants them Everlasting bliss.
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर shiv chalisa in hindi आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।
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कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
माता-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥
On Trayodashi (thirteenth working day on the dim and brilliant fortnights) one must invite a pandit and devotely make choices to Lord Shiva. Those that rapid and pray to Lord Shiva on Trayodashi are usually nutritious and prosperous.
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥